‘स्वर साम्राज्ञी’ , ‘स्वर कोकिला’ ‘राष्ट्र की आवाज’ जैसे नामों से जानी जाने वाली लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) देश और फ़िल्मी दुनिया को सूनी करके चल दी। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद से ही उन्हें मुम्बई के कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया जाता हैं कि उन्हें कोरोना के साथ साथ निमोनिया भी हो गया था।
पंडित नेहरू को क्यों रुला दिया Lata Mangeshkar ने
जब 1962 के भारत चीन युध्द में भारत की हार से देश के प्रधान सहित पूरा देश निराशा के अंधकार में गोते लगा रहा था तब उस वक्त के बड़े कवि, लेखक प्रदीप ने एक गीत लिखा था ‘ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी’ जिसे 26 जनवरी को लाल किले की प्राचीर से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और देश की जनता के सामने लता मंगेशकर द्वारा गाया गया था और कहा जाता हैं कि उस वक्त वहां मौजूद हर एक शख्स की आंखे आँसुओ से भीगी हुई थी यहां तक कि प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने भी बाद में लता मंगेशकर को कहा था- ‘तुमने इतना अच्छा गाया कि मेरी आँखों से भी आसूं बह निकले’
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28 सितम्बर 1929 को इंदौर में जन्मी लता मंगेशकर अब तक 30,000 से भी ज्यादा गाने गा चुकी हैं।
देश में फिल्मी दुनिया का सबसे बड़ा सम्मान ‘दादा साहेब फाल्के’ पुरस्कार लता मंगेशकर को साल 1989 में दिया जा चुका हैं।
इन्हें वर्ष 2001 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से भी नवाजा जा चुका हैं।
लता मंगेशकर ने गाने की शुरुआत साल 1942 में एक मराठी फिल्म जिसका नाम ‘किती हसाल’ यानी ‘कितना हँसोगें’ से की थी।
इन्हें फ़िल्म ‘महल’ में गाये गाने ‘आएगा आने वाला’ के बाद पूरे देश में विशेष प्रसिद्धि मिली थी।