द्रौपदी मुर्मू(Draupadi Murmu) अब भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति(Draupadi Murmu will be the second woman President of the country) बन गई हैं उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को आपेक्षित मात देते हुए राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया हैं। द्रोपदी मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति होने के साथ ही पहली आदिवासी महिला होगी जो देश के सर्वोच्च पद पर पहुंच गई हैं।
लेकिन इससे पहले देश की पहली महिला राष्ट्रपति रहीं प्रतिभा देवी सिंह पाटिल(Pratibha Devi Singh Patil was the first woman President of the country) के कार्यकाल का जिक्र भी किया जाना चाहिए। क्योंकि द्रौपदी मुर्मू के नाम का ऐलान होते ही प्रतिभा पाटिल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Twitter पर ट्रेंड होने लग गई। और इस ट्रेंड ने उन्हें देश के अब तक का सबसे खराब राष्ट्रपति होने का तमगा दे दिया था। तो आईये जानते हैं प्रतिभा पाटिल को क्यों कहा जाने लगा अब तक का सबसे खराब राष्ट्रपति(Pratibha Patil called the worst President ever)?
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TogglePratibha Devi Singh Patil का कार्यकाल
बता दे प्रतिभा देवी सिंह पाटिल का कार्यकाल 25 जुलाई 2007 से 25 जुलाई 2012 तक रहा। इस दौरान देश में डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी वहीं ये बात भी जगजाहिर हैं कि इस दौरान राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ही गांधी परिवार के हाथों की कठपुतली हुआ करते थे।
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Pratibha Devi Singh Patil ने बढ़ाया सरकारी खजाने पर बोझ
कहा जाता हैं कि प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने राष्ट्रपति रहते हुए अपने पद का एक से अधिक बार दुरुपयोग किया। आरोप था कि उन्होंने राष्ट्रपति की आधिकारिक विदेश और घरेलू यात्राओं में भी परिवार के अन्य सदस्यों को साथ रखा जिससे सरकारी ख़जाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ा। वहीं प्रतिभा पाटिल राष्ट्रपति रहते हुए अपनी विदेश और घरेलू यात्राओं में सबसे ज्यादा खर्च को लेकर हमेशा विवादों में रहीं।
इसका ताजा मामला उनकी आखिरी विदेश यात्रा थी जिसमें लगभग 18 करोड़ रुपये का खर्चा आया था।
वहीं उनके कार्यकाल में विदेश यात्राओं पर होने वाला कुल खर्च 205 करोड़ था जो अब तक के किसी भी राष्ट्रपति द्वारा किया गया सबसे अधिक खर्च था।
सबसे ज्यादा दया याचिका(Mercy petition) स्वीकार करने वाली एकमात्र राष्ट्रपति Pratibha Devi Singh Patil
देश की पहली महिला राष्ट्रपति रही प्रतिभा पाटिल के कार्यकाल में कुल 39 दया याचिकाओं पर फैसला हुआ। हैरानी की बात ये हैं कि प्रतिभा पाटिल ने इन 39 याचिकाओं में से महज 5 याचिकाओं को खारिज किया। यानी 34 दोषियों को कोर्ट द्वारा सुनाई गई मौत की सजा के बदले उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया। ये आंकड़े अब तक किसी भी राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका स्वीकार करने के मामलों में पहला स्थान रखते हैं वहीं आरोप ये भी लगाए जाते हैं कि जिन 34 याचिकाओं को प्रतिभा पाटिल ने स्वीकार किया उनमें कई केस गंभीर अपराध से जुड़े हुए थे।
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Pratibha Devi Singh Patil गिफ्ट भी ले गईअपने साथ
खबर हैं कि प्रतिभा पाटिल ने कार्यकाल खत्म होने के बाद वो सभी गिफ्ट और उपहार अपने निजी निवास पर रखवा लिए थे जो उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान प्राप्त हुए थे। जबकि नियम कहता हैं कि वो सभी गिफ्ट और उपहार राष्ट्र की धरोहर होती हैं न कि किसी व्यक्ति विशेष की निजी संपत्ति।
ऐसे कई आरोप हैं जिससे देश की जनता प्रतिभा पाटिल को अब तक का सबसे खराब राष्ट्रपति कहने की हिम्मत कर पा रहीं हैं।