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onion price crisis : 1 रुपये किलों प्याज बेचने को मजबूर हैं देश के किसान! उठने लगी ये मांग!

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onion price crisis

मोदी सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना, जिसका लक्ष्य ‘2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना’ रखा गया था अब भी जमीनी हकीकत से कोसों दूर नजर आती हैं कहने को तो सरकार ने कई समितियों का गठन किया और उन समितियों ने सिफारिशें भी दी फिर भी किसानों की स्थिति में कोई उल्लेखनीय योगदान नजर नही आ रहा हैं। अभी भी किसानों को फायदा तो क्या अपनी फसलों की लागत भी नही मिल पा रही हैं।

इसी मानसिक पीड़ा और दुःख से आज प्याज उत्पादक किसान गुजर रहा हैं। किसानों को अपना प्याज महज 1 रुपये किलों के भाव में बेचना पड़ रहा हैं जिससे फायदा तो क्या लागत का खर्च भी नही निकल पा रहा हैं।

देश के सबसे बड़े प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र के किसानों का कहना हैं कि रबी सीजन का जो प्याज हमने स्टोर करके रखा था उसका करीब 30% प्याज मौसम की मार के चलते खराब हो चुका हैं। और अब प्याज के दामों में आई रिकॉर्ड गिरावट से किसान परेशान हैं।

किसानों का आरोप हैं कि मंडियों में कम कीमत पर किसानों से प्याज खरीदकर बिचौलिये बाजार में अधिक कीमत वसूल लेते हैं। क्योंकि जहां एक तरफ किसान अपना प्याज 1 रुपये प्रति किलो बेचने को मजबूर हैं वहीं आम जनता को भी प्याज लगभग 20 से 40 रुपये प्रति किलो खरीदना पड़ रहा हैं। तो सवाल उठता हैं कि मंडियों से आम जनता तक पहुंचते पहुंचते प्याज इतना महंगा कैसे हो जाता हैं?

प्याज के लिए भी उठी MSP की मांग

प्याज उत्पादक किसानों के सबसे बड़े संगठन महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन का कहना है कि सरकार बिचौलियों पर कोई भी कड़ी कार्रवाई नही करती। वहीं संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले ने प्याज के लिए MSP की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्याज की खेती करने वाले किसानों की लागत और मुनाफे का वैज्ञानिक तरीके से अनुमान लगा कर एक न्यूनतम मूल्य घोषित कर देना चाहिए।
 

सरकार का दावा: पिछले साल से ज्यादा हुई प्याज की पैदावार

प्याज उत्पादक किसान, प्याज का भाव न मिल पाने की वजह से पहले ही बहुत परेशान हैं वहीं किसानों की परेशानी को ओर बढ़ाने वाली एक और खबर सरकार की तरफ से आ रही हैं। दरअसल कृषि मंत्रालय भारत सरकार ने वर्ष 2021-22 के दौरान हुई प्याज की पैदावार का डाटा रिलीज़ कर दिया हैं।

केंद्र सरकार ने प्याज उत्पादन का एक आंकड़ा रिलीज किया है, जिसके मुताबिक पिछले वर्ष के मुकाबले इस साल 50 लाख टन अधिक प्याज पैदा होने का अनुमान लगाया गया। सरकारी आंकड़े के अनुसार 2021-22 के दौरान 3,17,03,000 मिट्रिक टन प्याज पैदा होने का अनुमान है जो पिछले साल से 50,62,000 मीट्रिक टन अधिक है।

आंकड़ों को किसानों ने किया ख़ारिज

हालांकि किसानों ने इस डाटा को खारिज कर दिया है। किसानों का कहना हैं कि इस तरह के आंकड़े दिखाकर सरकार प्याज के भाव कम रखना चाहती हैं।

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Piru lal Kumbhkar  के बारे में
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